उत्तराखंड

अंकिता भंडारी मामला। अनिश्चित कालीन धरना समाप्त। अब गांव गांव जाएगी न्याय यात्रा। 13 मार्च कोटद्वार से शुरू होगी न्याय यात्रा

श्रीनगर। अंकिता भंडारी को न्याय दिलाने के लिए 27 फरवरी से श्रीनगर के पीपल चौरी में चल रहे अनिश्चित कालीन धरना 11 मार्च को समाप्त कर दिया गया। अब अंकिता को न्याय दिलाने के लिए कोटद्वार से न्याय यात्रा शुरू की जाएगी। इसकी सूचना अंकिता की मां सोनी देवी ने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से दी।

उन्होंने कहा कि मुझे पता है कि अब मेरी बेटी मुझे वापस नहीं मिलेगी और न मैं उसे कभी देख पाऊंगी। मैं यह लड़ाई उन सभी बेटियों के लिए लड़ रही हूं, जो आत्मनिर्भर होने का सपना देखती हैं और सपने को पूरा करने के लिए घर से बाहर कदम रखती हैं। उनके साथ इस तरह की कोई घटना न हो, हत्यारों को फांसी की सजा मिले, तभी मेरी बेटी को न्याय मिल पाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि मेरा सभी बेटियों, देश और राज्य के सभी संवेदनशील लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि सभी लोग आगे आएं, अब यह एक अकेली मां की लड़ाई नहीं है, यह उन सभी परिवारों की लड़ाई है, जो अपनी बेटियों को पढ़ा लिखाकर सक्षम बनाना चाहते हैं। यह उत्तराखंड राज्य के अस्मिता की लड़ाई है, इसलिए हम सबको मिलकर लड़ना होगा।

उन्होंने आगे कहा कि पत्रकार आशुतोष नेगी शुरू से इस लड़ाई में हमारे साथ खड़े थे, लेकिन सरकार ने इस केस को कमजोर करने के लिए उन्हें झूठे केस में फंसाकर गिरफ्तार कर लिया है। वर्तमान सरकार मेरी बेटी के हत्यारों को बचाने का प्रयास कर रही है।

उन्होंने आगे कहा कि जब तक मेरी बेटी को न्याय नहीं मिल जाता तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी। मेरी आप सभी मानवतावादी लोगों से हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि आप अपने गांव, गांव के बाजारों में अपने स्तर से इस न्याय यात्रा में शामिल होवें ताकि अंकिता को न्याय मिल सके, और आगे इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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